AdminNov 22, 20201 min readयादों का गुच्छाएक क़िस्सा होता तो बता देतीएक कहानी होती तो सुना देती मैं - मैं नहीं हूँ, अपनी यादों का बस एक गुच्छा हूँहर दिन मैं इस गुच्छे में से एक फूल चुनती हूँअपने हर आज में मैं थोड़ा सा कल जीती हूँआँचलजुलाई, २०२० बॉम्बे
एक क़िस्सा होता तो बता देतीएक कहानी होती तो सुना देती मैं - मैं नहीं हूँ, अपनी यादों का बस एक गुच्छा हूँहर दिन मैं इस गुच्छे में से एक फूल चुनती हूँअपने हर आज में मैं थोड़ा सा कल जीती हूँआँचलजुलाई, २०२० बॉम्बे